मंगलवार, 30 जुलाई 2024

Conversion at City Montessori School Lucknow | तिलक, चोटी, जनेऊ व रुद्राक्ष के कारण शिक्षक कुलदीप तिवारी निष्काशित

सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (इंटर कॉलेज) लखनऊ में शिक्षण कार्य करके अपना जीविकोपार्जन करने वाले और इस नौकरी से होने वाली अपनी आय का बड़ा हिस्सा धर्म और राष्ट्र कार्यों में लगाने वाले धर्मनिष्ठ व्यक्तित्व कुलदीप तिवारी को उनके द्वारा किए जा रहे हिंदुत्व कार्यों के कारण विद्यालय ने उन्हें नौकरी से निकाल दिया। कुलदीप तिवारी जी काशी ज्ञानवापी, मथुरा और भोजशाला प्रकरण के प्रमुख वादी होने के साथ साथ अवैध मस्जिद मजारों को ध्वस्त किए जाने तथा मुस्लिम बहुविवाह प्रथा के विरुद्ध याचिकाएं लगा रखी हैं जिन पर सुनवाई चल रही है। कुलदीप ने ही रामायण को गलत तरीके से दिखाने वाली फिल्म अदिपुरुष के खिलाफ लखनऊ हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी जिस पर फिल्म मेकर्स और सेंसर बोर्ड को फटकार पड़ी थी। कुलदीप तिवारी सदैव माथे पर तिलक लगाते हैं और शिखा धारण करते हैं और अपने सनातनी प्रतीक चिन्हों पर गर्व करते हैं साथ ही दूसरों को भी इसे धारण करने के लिए प्रेरित करते हैं। कुलदीप पर उनके द्वारा की गई PIL (जनहित याचिकाएं) वापस लेने के लिए सीएमएस द्वारा अनैतिक दबाव डाला गया और कहा गया कि हम पर ऊपर से दबाव है, आप केसेज वापस लीजिए या फिर सीएमएस छोड़ दीजिए। सीएमएस के इस दबाव को स्वीकार न करने पर अंततः सीएमएस ने उल्टी सीधी कहानियां गढ़ कर उन्हें 30 जून 2024 से नौकरी से निष्कासित कर दिया। इस सम्बन्ध में कुलदीप तिवारी ने जिलाधिकारी को शिकायत भी भेजी है। अब हम सभी को मिलकर कुलदीप तिवारी के साथ हुए अन्याय के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए और उनकी आवाज बनना चाहिए। हिंदुओं के धर्म परिवर्तन का कार्य लखनऊ के विद्यालयों द्वारा भी किया जा रहा है। मदरसे और इस्लामिक स्कूल तो कर ही रहे थे, मिशनरी स्कूल तो बच्चों को ईसाई बना ही रहे थे, लेकिन जिसे आप हम सभी ने कभी गौर से नहीं देखा वह है सीएमएस (सिटी मॉन्टेसरी स्कूल लखनऊ.....) सीएमएस लखनऊ खुलकर बच्चों को बहाई बना रहा है। हर साल रमजान के दौरान ब्रांचेस में रोजा इफ्तार पार्टियां कराई जाती हैं। न जाने कितने टीचर और कर्मचारी बहाई बन चुके हैं लालच में आकर। बहाई बनाने के लिए बाकायदे गोष्ठियां बैठके होती हैं जिन्हे सत्संग का नाम दिया जाता है। सीएमएस अपनी मॉरल टीचिंग के नाम पर बच्चों को सनातनी संस्कृति से दूर कर रहा है और बहाइज्म भर रहा है दिमाग में। छोटे नासमझ बच्चे इनका बड़ा टारगेट हैं। आप लोगों का विचार जानने के लिए लखनऊ से जुड़े किसी भी फेसबुक अकाउंट में यह प्रश्न डालकर देखिए कि बहाई में कनवर्जन कौन करता है, आपको हजारों जवाब मिलेंगे कि सीएमएस करा रहा है। सब जान रहे हैं पर चुप हैं। सीएमएस एक बहाई पंथ को मानने वाली संस्था है। 1974 में इसके संस्थापक जगदीश अग्रवाल (बाद में गांधी नाम रख लिया) ने परिवार सहित बहाई पंथ अपनाया था और स्कूल चलाने के लिए बड़ा चंदा (फंड) उठाया था और इन्हीं सब से अब स्कूल को इतना आगे बढ़ाया है। असल में जगदीश गांधी 1960 के दशक से ही बहाई पंथ से जुड़ चुके थे। सीएमएस में टीचर्स और कर्मचारियों को लालच और दबाव देकर बहाई बनाया जाता है, अनेकों कर्मचारी असल में बहाई बन चुके हैं। विद्यालय में बच्चों को नैतिक शिक्षा के नाम पर बहाई शिक्षा की तरफ मोटिवेट किया जाता है। ब्रेन वाश किया जाता है। इस्लाम के प्रति विशेष लगाव रखते हैं। विद्यालय में रमजान में हर ब्रांच में रोजा इफ्तार पार्टी कराई जाती है। हिंदू टीचर्स और कर्मचारी निकाल कर धीरे धीरे मुसलमान भरे जा रहे हैं। बच्चों की फीस माफी के नाम पर बहुतायत में सिर्फ मुसलमानों को ही किया जाता है। यही कारण हैं कि एक धर्मनिष्ठ व्यक्ति जो सनातन हित में हिंदुओं को जागृत करता हो और सनातन हित के लिए मुसलमानों पर मुकदमा किए बैठा हो वो भी बड़े बड़े, उसको सीएमएस जैसी संस्था कैसे बर्दाश्त करेगी? #modi #congress #bjp #yogi #newsupdate #rahulgandhi #भाजपा #मोदी #news #राहुल #cms #citymontessorischool #Conversion #lucknowsamagam #lucknowcity #lucknow #lucknowbreakingnews #सिटीमोंटेसरीस्कूललखनऊ #लखनऊ #योगी #yogiadityanath

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