बजट 2023 : दूसरी पारी का आखिरी ओवर
मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का अंतिम बजट लोकसभा में
प्रस्तुत कर दिया गया है. प्रत्येक बजट से स्वाभाविक रूप से बहुत सी अपेक्षाएं
होती हैं लेकिन इस बार के बजट से कुछ ज्यादा ही अपेक्षाएं थीं क्योंकि यह मोदी के
दूसरे कार्यकाल का अंतिम बजट था. इसलिए आशा थी की इसमें चुनावी लाभ को ध्यान में
रखते हुए काफी लोकलुभावन घोषणाएं की जाएंगी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. हाँ, ये काफी
हद तक सही है कि इस बजट में सभी के लिए कुछ न कुछ अवश्य है.
बजट की सबसे बड़ी बात ये है कि इसमें कड़वी दवा देने में
परहेज किया गया है, लेकिन रेबड़ी संस्कृति को बढ़ावा देने से बचा गया है और राजकोषीय
घाटा कम करने की निरंतरता बनाए रखने का प्रयास किया गया है, जो 2021 22 में 6.9%
और 2022 23 में 6.4% की की तुलना में 2023 24 में 5.9% पर रखने का लक्ष्य रखा गया है.
रक्षा बजट में बढ़ोतरी की गई है, लेकिन यह अपेक्षा से कम है. रेलवे
के लिए 2.40 लाख करोड़ रुपये की पूंजीगत निधि का प्रावधान, जो अब तक की सर्वाधिक राशि है। मूलभूत संरचना मैं पूँजी निवेश बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपये
कर दिया गया है, जो पिछले बजट की तुलना में 33 प्रतिशत ज्यादा है. ऐसे में जब पूरी
दुनिया में मंदी का खतरा मंडरा रहा है, मूलभूत संरचना की परियोजनाओं में इतना बड़ा
निवेश भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिरता और मजबूती को रेखांकित करता है.
वित्त मंत्री ने जो आंकड़े प्रस्तुत किए वे काफी
उत्साहवर्धक है, जिसके अनुसार मोदी सरकार के पिछले नौ वर्षों
में प्रति व्यक्ति औसत आय दोगुनी होकर रुपया ₹1.97 लाख हो गई है. भारतीय
अर्थव्यवस्था लगातार विस्तार ले रही है और ये पिछले नौ सालों में विश्व की दसवीं
अर्थव्यवस्था से पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था
बन गई है. मोदी कार्यकाल में भारत स्वच्छता मिशन के अंतर्गत 11.7 करोड़ घरों में
शौचालय और 9.6 करोड़ उज्ज्वला योजना के अंतर्गत 9.6 करोड़ एलपीजी कनेक्शन दिए गए हैं.
वित्तीय समावेशन की दिशा में सबसे महत्वपूर्ण काम किया गया जिसके अंतर्गत 47.8
करोड़ प्रधानमंत्री जन धन बैंक खाते खोले गए. प्रधानमंत्री किसान सम्मान
योजना से भी 11.4 करोड़ किसानों को 2.2 लाख करोड़ रुपये का खतों में नकद हस्तांतरण
किया गया.
बजट में सप्तऋषि के नाम से जिन सात प्राथमिकताओ को चिन्हित किया गया है, वे
हैं - समावेशी विकास, अंतिम छोर अंतिम व्यक्ति तक पहुँच, बुनियादी ढांचा में निवेश, मौजूदा
क्षमता का विस्तार, हरित विकास, युवा शक्ति और वित्तीय क्षेत्र. बजट का पूरा तानाबाना इन्हीं प्राथमिकता के
आधार पर बनाया गया है.
अंत्योदय
योजना के तहत ग़रीबों के लिए मुफ़्त खाद्यान्न की आपूर्ति को एक वर्ष के लिए बढ़ा
दिया गया है. प्रधानमंत्री आवास योजना में 66% की वृद्धि की गई है. अखिल भारतीय राष्ट्रीय
प्रशिक्षुता प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत
तीन वर्षों में 47 लाख युवाओं को वृत्तिका सहायता प्रदान करने के लिए
डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर शुरू किया जाएगा। 5G सेवाओं का उपयोग कर ऐप विकसित करने के लिए 100 प्रयोगशालाएं स्थापित की
जाएंगी. रीजनल
कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए 50 नए एयरपोर्ट, हेलीपैड, एडवांस्ड लैंडिंग
ग्राउंड्स, वाटर एरो ड्रोन बनाए
जाएंगे.
कृषि तथा लघु एवं मध्यम उद्योगों के लिए कई योजनाएं
घोषित की गई है. युवा उद्यमी ग्रामीण क्षेत्रों में एग्री-स्टार्टअप्स शुरू कर
सकें, इसके लिए पहली बार कृषि वर्धक निधि की स्थापना
का प्रावधान और आत्मनिर्भर स्वच्छ पादप कार्यक्रम का शुभारंभ 2,200 करोड़ रुपये के प्रारंभिक परिव्यय के साथ उच्च
गुणवत्ता वाली बागवानी फसल के लिए रोग-मुक्त तथा गुणवत्तापूर्ण पौध सामग्री की
उपलब्धता बढ़ाने की योजना. डेरी, मत्स्य पालन, पशुपालन जैसे कृषि के लिए 20, लाख करोड़ रुपये के ऋण प्राविधान. मोटे अनाज के उत्पादन में भारत को
वैश्विक हब बनाने का संकल्प लिया और
अतिरिक्त भंडारण की व्यवस्था करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है. गोबरधन योजना के अंतर्गत 10,000 करोड़ रुपये के कुल निवेश के साथ 500 नए संयंत्र स्थापित किए जाएंगे
जिनमें अपशिष्ट से आमदनी हो सके. किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए प्रोत्साहन
योजना के अंतर्गत उर्वरक और कीटनाशक विनिर्माण नेटवर्क तैयार करते हुए बायो इनपुट
रिसोर्स केंद्र स्थापित किए जाएंगे. मत्स्य संपदा योजना में 6000 करोड़ रुपए के
लक्ष्य के निवेश के साथ मछली पालकों विक्रेताओं और संबंधित सूक्ष्म और लघु
उद्योगों को मजबूत करने का प्रयास किया जाएंगे.
नई आयकर व्यवस्था में निजी आयकर में छूट की सीमा को 5
लाख रुपये से बढ़ाकर 7 लाख रूपये कर दिया गया है। इस प्रकार नई कर व्यवस्था में 7
लाख रुपये तक के आय वाले व्यक्तियों को कोई कर का भुगतान नहीं करना होगा। नयी
व्यक्तिगत आयकर व्यवस्था में स्लैबों की संख्या 6 से घटाकर 5 कर दी गई और कर छूट
की सीमा को बढ़ाकर 3 लाख रूपये कर दिया गया है। नए प्रावधानों में ३-६लाख तक ५%, ६से९ तक १०%, ९-१२ लाख तक १५%, १२-१५ लाख तक २०% और १५ लाख से ऊपर ३०%. गैर सरकारी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति पर छुट्टियों के नकदीकरण पर ₹25 लाख तक की राशि को आयकर से मुक्त किया जाना राहत भरा कदम है. अग्निवीरों
को मिलने वाले वेतन भत्ते और सेवानिवृत्त मिलने वाली सभी राशियां आयकर के दायरे से
पूरी तरह से मुक्त कर दी गई है
आयकर में मध्यम वर्ग के लिए की गई जिस राहत को सरकार
बहुत बढ़ा चढ़ाकर पेश कर रही है, उसका फायदा बहुत कम लोगों को होगा क्योंकि यह केवल
आयकर की नई योजना (न्यू टैक्स रिजीम) में किए गए हैं जबकि अधिकांश वेतनभोगी और
पेंशनर्स पुरानी योजना (ओल्ड टैक्स रिजीम) के अंतर्गत आयकर निर्धारण करवातें हैं
जिसमें कोई भी परिवर्तन नहीं किया गया है. ऐसे सभी व्यक्ति जिन्होंने आवास ऋण ले
रखा है और जो ऋण पर ब्याज और भुगतान की गयी किश्तों तथा अन्य निवेश पर मिलने वाली रु
1.5 लाख तक की छूट का फायदा उठाते हैं, उनके लिए पुरानी योजना, अब भी फायदेमंद है.
इसलिए ऐसे सभी लोगों को आयकर में घोषित रियायतों का कोई फायदा नहीं होगा और चुनावी
वर्ष में एक बहुत बड़ा वर्ग बजट से निराश और हताश ही रहेगा. आयकर सरचार्ज में ३७%
से २५% प्रस्तवित कटौती का फायदा भी केवल उच्च
आय वर्ग के करदाताओं को होगा. वरीष्ठ
नागरिको की बचत योजना में निवेशकों सीमा को 15 लाख से बढ़ाकर 30 लाख कर दिया जाना भी अच्छा कदम है.
मोदी कार्यकाल में खुले 157 नहीं मेडिकल कॉलेजों में प्रत्येक
में नए नर्सिंग कॉलेज कॉलेज (१५७) खोले जाएंगे. आदिवासी और जनजातीय विद्यार्थियों
के लिए 740 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय खोलने का प्रावधान किया गया है, जिसमें 38,800 अध्यापक और अन्य कर्मचारी नियुक्त करने का प्रावधान किया गया है. राष्ट्रीय
आवास विकास बैंक के माध्यम से अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड की स्थापना
जिसका उपयोग टियर टू तथा टियर थ्री शहरों में इनफ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए किया
जाएगा, का प्रावधान.
डिजिटल उपयोग को बढ़ावा देने के लिए सूक्ष्म लघु मध्यम
उद्योग, बड़े व्यवसाय और चैरिटेबल ट्रस्ट के लिए डिजिटल लॉकर की स्थापना का
प्रावधान किया गया है. प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना नई पीढ़ी के आर्टिफिशियल
इंटेलिजेंस रोबॉटिक्स मेकैट्रॉनिक्स आईओटी थ्रीडी प्रिंटिंग ड्रोन और सॉफ्ट स्किल
जैसे पाठ्यक्रम शामिल किए जाएंगे. युवाओं को अंतरराष्ट्रीय अवसर उपलब्ध कराने के
लिए 30 स्किल इंडिया इंटरनेशनल सेंटर स्थापित किए जाएंगे. यह एक अच्छी पहल है.
एमएसएमई ऋण गारंटी योजना मैं 9000 करोड़ रुपए के नए अंशदान के साथ नवीनीकृत किया गया है, जिससे 2
लाख करोड़ रुपये के बिना कोलैटरल गारंटी के ऋण उपलब्ध करवाए जा सकेंगे और ऋण की
लागत भी 1% से कम की जा सकेगी.
एक
महत्वपूर्ण निर्णय के अनुसार स्थायी खाता संख्या (पैन) का इस्तेमाल विनिर्दिष्ट
सरकारी एजेंसियों की सभी डिजिटल प्रणालियों के लिए पैन को सामान्य पहचानकर्ता के
रूप में प्रयोग किया जाएगा। इससे कारोबार करना आसान होगा। बैंक व्यवस्था में सुधार
लाने के लिए और निवेशक संरक्षण बढ़ाने के लिए बैंकिंग विनियमन अधिनियम, बैंकिंग कम्पनी अधिनियम और भारतीय रिजर्ब बैंक अधिनियम में कुछ संशोधनों
का प्रस्ताव किया गया है। न्याय के प्रशासन में दक्षता लाने के लिए, 7,000 करोड़ रूपये के परिव्यय से ई-न्यायालय परियोजना का चरण-3 शुरू
किया जाएगा।
उपरोक्त परिपेक्ष्य में यह कहना अनुचित नहीं होगा कि प्रस्तावित बजट
एक प्रगतिशील बजट है, जिसमें देश की प्राथमिकता की पहचान करके उन पर ध्यान
केंद्रित किया गया है, जो निश्चित रूप से रोजगार सृजन के साथ साथ अर्थव्यवस्था को
गति देगा. बजट में न तो संभावित वैश्विक मंदी की सकुचाहट दिखाई पड़ती है और न हीं चुनावों
को देखते हुए रेबडिया बाँटने का लालच परिलक्षित होता है. कुल मिलाकर यह एक संतुलित
बजट है जिसमें वित्तीय अनुशासन बनाए रखने का ध्यान तो रखा गया है, लेकिन विकास के
लिए प्रगतिशील उपायों और योजनाओं पर धन खर्च करने में संकोच नहीं किया गया है.
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शिव मिश्रा