गुरुवार, 11 फ़रवरी 2021

भारत अपने विरोधी देश कनाडा को कोरोना वैक्सीन क्यों दे रहा है ?

 



दिल तो मेरा भी कह रहा है कि कनाडा को वैक्सीन नहीं देना चाहिए लेकिन दिमाग कह रहा है दे देना चाहिए , क्योंकि कूटनीति में और विदेश नीति में दिल से नहीं दिमाग से काम लेना चाहिए.

और ….. मोदी जी ने ही किया है.

आज कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन करो ना वैक्सीन देने का अनुरोध किया . जिसे प्रधानमंत्री ने यह जानते हुए भी कि भारत में चल रहे तथाकथित किसान आंदोलन में न केवल कनाडा में बसे खालिस्तान समर्थकों ने बल्कि स्वयं जस्टिन ट्रूडो और उनके मंत्रियों ने इस आंदोलन में आग में घी डालने का काम किया था, स्वीकार कर लिया. मोदी जी ने स्वयं ट्वीट कर इसकी जानकारी दी.

श्री नरेंद्र मोदी की वैक्सीन डिप्लोमेसी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बहुत सौहार्द अर्जित किया है . वर्तमान परिस्थितियों में जब चीन कोरोना संक्रमण के आरोपों से घिरा हुआ है, और उसकी वैक्सीन भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फेल साबित हो गई है, भारत का मानवीय आधार पर सह्रदयता दिखाना न केवल भारत के लिए बेहतर छवि निर्माण करेगा बल्कि दवा और वैक्सीन उद्योग को नई ऊंचाइयों पर स्थापित करेगा.

कनाडा रक्षात्मक मुद्रा में पहले ही आ चुका है, वैक्सीन की इस कूटनीति से खालिस्तानियों पर भी अप्रत्यक्ष रूप से दबाव बन गया है .

किसान आन्दोलन में मिलने वाले विदेशी फंड्स की जांच चल रही है जिसमें काफी पैसा कनाडा से आया है. कनाडा के जाँच में सहयोग करने मात्र से कुछ तथाकथित किसान नेता मुहं छिपाते फिरेंगे .