श्री हरिहरेश्वर को दक्षिण का काशी कहा जाता है। ये रायगढ़ जिले की देवघर तैह्सील के अंतर्गत स्थिति है। ये चारो तरफ से चार पहाड़ो हरिहरेश्वर, हर्शिनाचल , ब्रह्माद्री और पुश्पाद्री से घिरा है। अरब सागर के किनारे को छूते हुए सिरे पर श्री हरिहरेश्वर यानी भगवांन शंकर का मंदिर स्थित है। पास ही भैरव नाथ जी का मंदिर है ये मंदिर १८वी शताब्दी में बनाये गए थे .
पश्चिमी घाट यों ही बहुत मनमोहक हरेभरे क्षेत्रो से भरा पड़ा है, पर पहाड़ों से घिरी हरी भरी घाटियों और सुंदर बीचों वाला ये क्षेत्र बहुत खूबसूरत है और इसलिए इस इलाके को देवभूमि कहा जाता है। पहाड़ियों से होकर गुजरने वाले रास्ते बेहद हरेभरे और खूबसूरत है। बर्षात के दिनों में कई झरने , रास्ते में आपका स्वागत करते मिल जायेंगे। सावित्री नदी यहाँ अरब सागर से मिलती है .
राय गढ़ क्षत्र पति शिवाजी महाराज का जन्म और कार्य भूमि है। हरिहरेश्वर मंदिर जिस जगह स्थिति है उस गाँव का नाम भी हरिहरेश्वर गाँव है। मंदिर का रखरखाव एक ट्रस्ट करता है जिसे उस गाँव के सरदार ने दान में दे दी थी। आज यहाँ बहुत से रिसोर्ट और होटल हैं और यहाँ के सुंदर बीच आकर्षण का केंद्र हैं। मुम्बई से लगभग २०० किमी स्थिति इस स्थान पर सप्ताहांत पुण्य लाभार्थियों के अलावा भी बड़ी संख्या में लोग आते हैं। कोंकण क्षेत्र का महत्व् पूर्ण टूरिस्ट स्पॉट है।
कैम्पस में स्थिति श्री हनुमान मंदिर
श्री हनुमान मंदिर के अन्दर का द्रश्य
बीच के मनोरम द्रश्य
बीच के पास रिसोर्ट के कोटेज
शनी को सेल्फी के बारे बताया गया तो बहुत खुश हुआ और जानकारी हेतु उत्सुकता दिखाता हुआ
ये है मंदिर का बहार से दिखने वाला स्वरूप . मंदिर जैसे पहाड़ो पर परम्परागत रूप से बनाया जाता है . मंदिर के सामने एक बड़ा सा हाल है जो यात्रियों के ठहरने और धुप से बचने के लिए है .
मंदिर के अन्दर का द्रश्य
कैम्पस में स्थिति श्री हनुमान मंदिर
श्री हनुमान मंदिर के अन्दर का द्रश्य
बीच के मनोरम द्रश्य
बीच के पास रिसोर्ट के कोटेज
बीच में तांगा चलाने वाले व्यक्ति का बेटा शनी जिसे जब पता चल कि उसकी फोटो खींची जायेगी तो वह बहुत खुश हुआ
और तांगा चलाने वाले व्यक्ति को मालूम हुआ तो वह भी खुशी खुशी फोटो खिचवाने के लिए तैयार हो गया .शनी को सेल्फी के बारे बताया गया तो बहुत खुश हुआ और जानकारी हेतु उत्सुकता दिखाता हुआ
पहाड़ के ऊपर से नीचे समुद्र तक जाने का रास्ता
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- शिव प्रकाश मिश्रा