यह व्यक्ति दूसरे नेताओं से बिल्कुल अलग है. इसका उदय ऐसे समय पर हुआ जब सनातन संस्कृति अपने विनाश के कगार पर खड़ी थी. भारत के ज्यादातर राजनीतिक दल सत्ता के लालच में तुष्टिकरण के काम में इतने अंधे हो चुके थे कि उन्हें ये एहसास भी नहीं था कि उनके कुकृत्यों से हिंदू समाज पतन की खाई में गिरता जा रहा है और सनातन संस्कृति मिटने के कगार पर पहुंच चुकी है.
प्राचीन भारत की इस पावन भूमि पर जहां वेदों और उपनिषदों की छाया है, गीता का मार्गदर्शन है, इसके बाद भी भारत 1000 साल तक विधर्मियों की दासता का शिकार हुआ.
पहले मुस्लिम आक्रांता उन्हें इस देश की धन संपदा और सांस्कृतिक अस्मिता को लूटा और इसके बाद अंग्रेजों ने भी सोने की इस चिड़िया के पंख काट लिए और धार्मिक एवं सांस्कृतिक चेतना को सदा सर्वदा के लिए आहत और लांछित करने का महापाप भी किया.
दुर्भाग्य से इस देश के कुछ राक्षसी प्रवृत्ति के लोगों ने भी इन आक्रांताओं का साथ दिया और और पृथ्वी की इस प्राचीनतम देव भूमि के प्रभाव के षड्यंत्र में जुट गए.
इस तरह के लोग आज भी भारत की वैदिक संपत्तियों का आज भी अपमान करने में जुटे हैं.
यह किसी ईश्वरीय चमत्कार से कम नहीं कि ऐसे में एक व्यक्ति का उदय होता है जिसने हिंदू चेतना और सनातन संस्कृति के सामाजिक उन्नयन का कार्य गुजरात से शुरू किया. उसके प्रयासों का ऐसा फल मिला जैसे किसी मरुस्थल में वर्षा से हरियाली आ जाए.
2014 में राष्ट्रीय राजनीति में भी ऐसा लगा जैसे बरसों से पड़ी बंजर भूमि पर फिर से बीज अंकुरित होने की आशा जाग पड़ी हो. इसकी परिणति यह हुई कि 30 वर्षों बाद केंद्र में पूर्ण बहुमत की सरकार बनी, जो भारत की तत्कालीन परिस्थितियों में किसी चमत्कार से कम नहीं था.
भारत के लोगों में प्राचीन संस्कृति और हिंदू चेतना के पुनर्जागरण की आकांक्षा और तीव्र हो गई. इसलिए 2019 में इतिहास एक बार फिर दोहराया गया और एक पूर्ण बहुमत की सरकार पुनः केंद्र में आई.
राष्ट्र के घावों पर मरहम लगाने का काम शुरू हो गया. अयोध्या में राष्ट्र के आराध्य मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के भव्य मंदिर बनने का रास्ता साफ हो गया.
धारा 370 गई और अपने साथ कई और दुष्प्रभाव भी ले गई.
राम मंदिर के बाद अब लोगों में राष्ट्र मंदिर बनने की आशा भी बलवती हो गई है.
यह राष्ट्रीय स्वाभिमान की पुनर्जागरण का कालखंड है और इसमें भारत में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति विशेषकर सनातन संस्कृति में विश्वास रखने वाले लोगों का यह उत्तरदायित्व है कि वह इस अभियान में तन मन धन से सम्मिलित हो.
ऐसा पूरे देश में हो रहा है और पश्चिम बंगाल भी इसका अपवाद नहीं हो सकता इसलिए यहां भी लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बातें बहुत ध्यान से सुनते हैं, मनन करते हैं. लोगों की प्रतिक्रिया अत्यधिक उत्साहवर्धक है.
यह अभियान बिना रुके तब तक चलता रहेगा जब तक भारत अपना प्राचीन गौरव प्राप्त नहीं कर लेता.
यह कार्य नरेंद्र मोदी इसलिए कर पा रहे हैं क्योंकि उनका उद्देश्य महान है और यही उन्हें अन्य नेताओं से अलग करता है.
शायद ईश्वर पृथ्वी की इस प्राचीनतम सनातन संस्कृति को बचाने के लिए हम सभी की सहायता कर रहा है और इस कारण हम सभी की भूमिका भी अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाती है.
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- शिव मिश्रा
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