१० मार्च २०१३ को इलाहबाद में महाशिव रात्रि पर्व के अंतिम महास्नान के साथ महाकुम्भ का समापन हो गया . बहुत खट्टी मीठी यादो के साथ ये पर्व जाना जाएगा . वो धन्य हुए जिन्होंने तीर्थ राज प्रयाग पहुँच कर संगम में डुबकी लगाई लेकिन उन्हें ज्यादा पुण्य प्राप्त होगा जिन्होंने दूसरों को डुबकी लगाने में मदद की . सबसे अधिक पुण्य के हकदार कौन हैं ? अंदाजा लगाये नीचे के एक चित्र से ...
महाकुम्भ के अंतिम स्नान महाशिव रात्रि के अवसर पर अपनी मां को कंधे पर बिठा कर ले जाता एक बेटा .
धन्य है ये बेटा और माँ . ऐसा उदाहरण भारत में ही मिल सकता है .धन्य है फोटो पत्रकार भी जिसने ऐसी दुर्लभ और अविश्मरणीय फोटो खीची।
(साभार - दैनिक जागरण ११ मार्च २०१३ प्रष्ठ १४ लखनऊ संस्करण )
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शिव प्रकाश मिश्रा