होकर परेशान,
महगाई भत्ते से,
वर्षा विभाग सहित
इन्द्र ने कर दी हड़ताल,
सूखे की आग में,
जलती फसलो को जैसे
घर में श्मसान देख,
जनता हो गयी बेहाल .
आवश्यक सेवाओं में भी,
अब तो हड़ताल होने लगी है,
नजरबंदी में
जमाखोरी की आदत बनी है.
हे इन्द्र देव !
अब तो दया कर दो,
कण्ट्रोल से न सही,
ब्लैक में ही,
वर्षा कर दो !!
^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^
- शिव प्रकाश मिश्र
^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^
मूल कृत - १९७९, ६ नवम्बर १९७९ को दैनिक वीर हनुमान औरय्या में प्रकाशित
महगाई भत्ते से,
वर्षा विभाग सहित
इन्द्र ने कर दी हड़ताल,
सूखे की आग में,
जलती फसलो को जैसे
घर में श्मसान देख,
जनता हो गयी बेहाल .
आवश्यक सेवाओं में भी,
अब तो हड़ताल होने लगी है,
नजरबंदी में
जमाखोरी की आदत बनी है.
हे इन्द्र देव !
अब तो दया कर दो,
कण्ट्रोल से न सही,
ब्लैक में ही,
वर्षा कर दो !!
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- शिव प्रकाश मिश्र
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मूल कृत - १९७९, ६ नवम्बर १९७९ को दैनिक वीर हनुमान औरय्या में प्रकाशित
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