सोमवार, 2 अगस्त 2010

HAM HINDUSTANI: धोखा

HAM HINDUSTANI: धोखा: "आँखों का धोखा, जिसे मंजिल समझने की भूल, अक्सर कर जाते है ठोकर लगनी होती है जहाँ , चाह कर भी नहीं संभल पाते है, लड़खड़ाते है, गिरते है ,..."

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

और ……अब हलाल टाउनशिप !

  और ……अब हलाल टाउनशिप ! || ग़ज़वा ए हिंद का आखिरी चरण प्रारम्भ हलाल टाउनशिप का मामला सुर्खियों में है। मुंबई के नेरल-कर्जत क्षेत्र में एक ह...