बुधवार, 25 नवंबर 2015

आमिर भी दंगल में........... या दलदल में ........

एक सम्मान समारोह में आमिर खान ने कुछ ऐसा बयान दे दिया जिसे उनके प्रशंसक सकते में हैं.  कुछ प्रश्नों के जबाब में उन्होंने कहा कि  देश में डर और असुरक्षा का माहौल है और उनकी पत्नी ने  कुछ समय पहले उनसे हिंदुस्तान छोड़ने के लिए उनसे कहा था, क्यों कि वह अपने बच्चों के लिए बहुत चिंतित है. उन्होंने कहा कि पिछले  सात आठ महीने से ऐसा हुआ है, पता नहीं इसके पीछे कौन है ? स्वाभाविक है इस बयान से भूचाल आना ही था.


कुछ फिल्मो में बेहतरीन अदाकारी के कारण मैं आमिर खान का बहुत बड़ा फैन हूँ और देश के पर्यटन के ब्रांड एंबेसडर होने के कारण, जिसमे वह देश की इज्जत, मान- मर्यादा की बात करते हैं उनके प्रति  मेरा  सम्मान  और बढ़ गया था  लेकिन अनायास मुझे ऐसा क्यों लगने लगा  है कि मैं ठगा गया हूँ ? आमिर में जो मैंने देखा सुना वह सिर्फ ...... एक नाटक था और वे अच्छे कलाकार तो हैं लेकिन अच्छे इंसान नहीं. थ्री इडियट के, एक  इडियट वे नहीं, मैं हूँ और वे सारे लोग है जो उनके प्रसंशक हैं . अफ़सोस ... मैं उनकों क्या समझता था और वे क्या निकले. क्या एक कलाकार  जिसने तमाम ऐसे  किरदार निभाये हों  जिसमें जाति-पात धर्म  और संप्रदाय से  ऊपर उठकर काम करने की शिक्षा दी  हो, देश का  गौरव बढ़ाने की बात की हो और वह  लोकप्रियता के सर्वोच्च शिखर पर पहुंचने के बाद भी सिर्फ एक .... मुसलमान बन कर रह जाय, ....ये करोडों लोगो के दिल दुखाने की बात है. बड़े दिखने वाले लोग अंदर से कितने छोटे होतें हैं, इसका पता ऐसे वक्त में ही चलता है. पता नहीं उनकी बात में कितनी  सच्चाई है किन्तु  आमिर जैसा कोई व्यक्ति (या मुसलमान) जो इतना बड़ा व्यक्ति हो, पैसे वाला हो, इतना बड़ा स्टार हो, अगर वह अपने बच्चों के लिए चिंतित हैं, तो  स्वाभाविक कि आम  मुसलमान क्या सोचेगा ? और उसका क्या हाल होगा ? 

 आमिर खान ने अपने  इस बयान से देश का, समाज का और विशेष कर मुसलमानों का कितना अहित किया है, शायद इसका अंदाजा उन्हें नहीं है.  हर समाज में हर कौम में कुछ न कुछ तत्व मुख्यधारा से अलग होते हैं.  तमाम प्रयासों के वावजूद फैक्ट्री में भी तो कुछ डिफेक्टेड आइटम बन जाते हैं. हिन्दू समाज के ऐसे सिरफिरे लोगों की कुछ बातों को लेकर, जो बिलकुल भी नयी नहीं है हर शासनकाल में ऐसी बातें होती रहीं हैं, एक सुनियोजित अभियान चलाना, समझ से बाहर है.   हिन्दू समाज से ही नहीं किसी समाज से आदर्श की अपेक्षा करना बेमानी है. अगर आप राम जैसे भाई की कल्पना करते है, तो लक्ष्मण बनना सीखना होगा. आमिर का  बयान पूरे हिन्दू समाज के मुहँ पर एक तमाचा है.  इतने वर्षों तक मुझे कभी हिन्दू और मुसलमानों का अंतर समझ में नहीं आया आज उम्र के इस पड़ाव पर जैसे मुझे झकझोरा जा रहा कि मैं  हिन्दू हूँ ...मै  हिन्दू हूँ ....और मैं सोच रहा हूँ कि मैंने क्या गलती की ? हिंदुस्तान में मोदी सरकार बनने के बाद एक बड़ा वर्ग  जहां जोश और जश्न के मूड में था वही एक बड़ा वर्ग सदमे में था. इसमें ज्यादातर कांग्रेसी और बामपंथी विचारधारा से जुड़े ऐसे लोग भी थे, जिन्हें कालांतर में भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के का डर दिखाकर उन के विरुद्ध खडा कर  दिया गया था. कई दशक बाद पूर्ण बहुमत की मोदी सरकार बहुतों के लिए अप्रत्याशित थी.. और बहुतों के लिए आज भी असहनीय है. मेरा और मेरे जैसे बहुत लोगों का मत बनता जा रहा है कि मोदी जरूर कुछ न कुछ अच्छा  कर रहे होंगे तभी तो उनका इतना विरोध किया जा रहा है यहाँ तक उनकी पार्टी के ही बहुत से लोग विरोध के स्वर दे रहें हैं. कई पार्टियों के लोग पाकिस्तान और आई एस आई से मोदी को  हटाने की गुहार लगा रहें हैं.  कई  संस्थान, राजनैतिक दल और देश  मिलकर ऐसी कूट रचनाएँ कर रहें हैं जिससे  सरकार को बदनाम किया जाय और ऐसा  करने में  वे चाहे अनचाहे हिन्दुस्तान को भी बदनाम कर रहे हैं ये उचित नहीं है.
आज जब तथा कथित बड़ी बड़ी हस्तियाँ देश को बदनाम करने की मुहिम में लग गयी हैं, हम सामान्य जनो को चाहिए कि वे देश हित में आगे आयें और ऐसे सुन्योजित अभियानों का पर्दाफास करे. जय हिन्द .                      ***********************************                                                          - शिव प्रकाश मिश्रा 

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