सोमवार, 2 अगस्त 2010

HAM HINDUSTANI: धोखा

HAM HINDUSTANI: धोखा: "आँखों का धोखा, जिसे मंजिल समझने की भूल, अक्सर कर जाते है ठोकर लगनी होती है जहाँ , चाह कर भी नहीं संभल पाते है, लड़खड़ाते है, गिरते है ,..."

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

सर्वोच्च न्यायालय ने यूपी बोर्ड ऑफ मदरसा एजुकेशन ऐक्ट 2004 को असंवैधानिक करार देने वाले इलाहाबाद हाई कोर्ट के 22 मार्च 2024 के फैसले पर लगाई रोक

हाल के वर्षों में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए कुछ निर्णय चर्चा में रहे जिनमें न्यायिक सर्वोच्चता के साथ साथ न्यायिक अतिसक्रियता भी परलक्...